प्रभु प्रेमियों ! लालदास साहित्य सीरीज के 14 वीं पुस्तक ''महर्षि मँहीँ-पदावली की छन्द-योजना'' में पूज्यपाद लालदास जी महाराज ने सद्गुरु महर्षि मँहीँ परमहंस जी महाराज के हृदय से स्फुटित 142 छंदों के छंद शस्त्रीय अध्ययन प्रस्तुत किया है. यह छंद-शस्त्रीय-अध्ययन छंदशास्त्रीय जिज्ञासा रखने वाले उन सभी साधकों और कवियों के लिए वरदान स्वरूप है. जो कविता और छंद के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं. इसमें की गयी अनुपम व्याख्या 'महर्षि मँहीँ पदावली' के सभी पदों में अक्षरस: सत्य उतरता है. आइये हमलोग भी इस पुस्तक का सिंहावलोकन करें-
प्रभु प्रेमियों ! छंद शास्त्र की दृष्टि से 'महर्षि मँहीँ पदावली' में पदावली के सभी छंदों में किन-किन छंदों का प्रयोग हुआ है उन सभी छंद का विस्तार सहित वर्णन, उसके चरण, यति, गति, अन्त्यानुप्रास, मात्रा और उसके गिनने के नियम, मात्रिक गण, वर्णिक गन, संख्या और क्रम, छंद के प्रकार, सम मात्रिक छंद, उल्लाला, सखीछंद, मानव छंद, हाकली छंद, चौपाई, गोपीछंद, इत्यादि इसके साथ अर्ध मात्रिक छंद, विषम मात्रिक छंद, कुंडलियाँ, छप्पय, वर्णिक छंद, मनहरण छंद आदि का वर्णन एवं उसके उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं. विशेष क्या कहा जाए पुस्तक आपको निम्न चित्रों के अनुसार प्रकाशित है इसे एक बार ऑनलाइन मंगा कर अवश्य पढ़ें-