कठोपनिषद ज्ञान का प्रभाव हमारी लौकिक बुद्धि को ऐसा उत्कर्ष प्रदान करता है जिससे नित्य और अनित्य का भेद हमारी दृष्टि में इतना गहराने लगता है कि जीवन की प्राथमिकताओं के प्रति पूरी दृष्टि ही बदलने लगती है। कठोपनिषद का अध्ययन जिन स्तरों पर हमारी सजगता को छू जाता है उसके प्रति कहा जा सकता है की इससे प्राप्त सार को जल्दी से विस्मृत नहीं किया जा सकता है।
प्राचीन भारतीय मनीषा अर्थात सनातन देव संस्कृति के अद्भुत सनातन सत्य का बोध कठोपनिषद के अध्ययन द्वारा प्राप्त होता है।
1. वर्तमान कठोपनिषद ऑनलाइन अध्ययन लगभग 50 घण्टे का रहेगा।
2. अध्ययन हेतु मूल माध्यम हिंदी भाषा में ही रहेगा। मात्र कुछ शब्द अनुवाद सहित अंग्रेजी में होंगे।
3. यह अध्ययन नोट्स सहित ही पूर्ण होगा।
4. प्रत्येक कक्षा पूर्ण होने के लगभग 24 घंटे के उपरांत E-notes email के द्वारा भेजे जाएंगे।
5. 10 कक्षाओं के संकलित नोट्स एक पुस्तक के स्वरूप में उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रकाशित नोट्स उपलब्ध कराने की कोई समय सीमा नहीं होगी।
6. इस अध्ययन के अंत में 3 कक्षाएं छान्दोग्य उपनिषद् के परिचयात्मक स्वरूप की भी रहेगी .
7 . इस अध्ययन के साथ-साथ 3 सत्र विशेष ध्यान के भी रहेंगे।
8. प्रत्येक कक्षा पुनरावलोकन हेतु 24 घंटे तक ही उपलब्ध रहेगी
9. जिन साधकों की कक्षाएं किन्ही अपरिहार्य कारणों से छूट जाएँगी उन्हें पुनरावलोकन का एक अवसर दिया जायेगा।
10. इस अध्ययन के आरम्भ होने से पूर्व प्रत्येक विद्द्यार्थी को अध्यापक सहित 2 से 6 घंटे तक की अवधि हेतु गायत्री जप की साधना में बैठना अनिवार्य होगा। जो निर्धारित दिन इस साधना हेतु नहीं बैठ पाएंगे उन्हें मेल द्वारा लिख कर पुष्टि देनी होगी की अमुक दिन वह इस साधना हेतु अवश्य बैठेंगे।
11. प्रत्येक कक्षा से पूर्व कुछ समय नाद का अभ्यास रहेगा।
12. कक्षाएं प्रत्येक रविवार सायं काल में रहेंगी .