सत्संग - सुधा , भाग - ३ संत सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंसजी | महाराज के २४ उपदेशों का संकलन है । इसमें सद्गुरुदेव ने मानव - जीवन के चौमुखी विकास पर प्रकाश डाला है । धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष के जिज्ञासुओं के लिए तो यह पुस्तक अनुपम मार्गदर्शक है । लोक और परलोक - निर्माण हेतु इसमें सारे तथ्य भरे हुए हैं । सद्गुरुदेव की संलग्नता से सेवा करनेवाले सेवक महर्षि संतसेवी परमहंसजी महाराज की ओजस्विनी लेखनी के फलस्वरूप ही आज यह पुस्तक के रूप में है ।