महर्षि संतसेवी जी महाराज इस पुस्तक के बारे में लिखते हैं कि "आज विज्ञान का युग है । वैज्ञानिक आविष्कारों से नए - नए चमत्कार हो रहे हैं । सुख - सुविधाओं में अभिवृद्धि हो रही है । देश और काल की दूरी दूर हो गई है ; परन्तु व्यक्ति के हृदय की दूरी बढ़ गई है । साहचर्य . सामंजस्य , सहयोग , सद्भाव आदि सद्गुणों का अभाव होता जा रहा है । जीवन के हर क्षेत्र में व्यक्ति - राग , रोष , घृणा - द्वेष से संचालित दीखता है । विशेषकर धार्मिक असहिष्णुता : देश और समाज को कलंकित - विखंडित करने पर तुला है । ऐसी विषम परिस्थिति में संतों के ज्ञान की बड़ी आवश्यकता है ।" गुरु महाराज के 26 प्रवचनों का संकलन इस पुस्तक में है। इन प्रवचनों का पाठ करके आप उपर्युक्त सद्गुणों को ग्रहण करने में सक्षम हो सकेंगे। ऐसा मेरा विश्वास है। पुस्तक 124 + 4 पेज का है। मूल्य ₹25/- मात्र । (मूल पुस्तक)